गजल - ३४६
दिवाली किछु एहन मनाबी हम सभ
विचारक ई दूरी मिटाबी हम सभ
विचारक ई दूरी मिटाबी हम सभ
चलू ने अन्हारक भगा दी शासन
विवेकक औ डिबिया जराबी हम सभ
विवेकक औ डिबिया जराबी हम सभ
जमानामे कतबो किए ने काँटे
गुलाबक फुलबारी सजाबी हम सभ
गुलाबक फुलबारी सजाबी हम सभ
समय पर पूरय छै मनोरथ मोनक
सिनेहक टा गाछी लगाबी हम सभ
सिनेहक टा गाछी लगाबी हम सभ
बहुत दिन बीतल हाथ की जे लागल
अमरखे नै जीवन गमाबी हम सभ
अमरखे नै जीवन गमाबी हम सभ
बनौलक जे राजीव दीया बाती
तकर किछु सेहंता पुराबी हम सभ
तकर किछु सेहंता पुराबी हम सभ
१२२ २२२ १२२ २२
®राजीव रंजन मिश्र
®राजीव रंजन मिश्र
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