Wednesday, October 8, 2014

बाल गजल

दुर्गा पूजामे हम नवका कपङा किनबै यौ
पीयर हरियर उज्जर भाटा रंगक लेबै यौ

रहतै ककरो कोनो तरहक टोका टाकी नै
पाँचो टा दिन घुरबै फिरबै मस्ती करबै यौ

पप्पा संगे गामक मेलामे जेबै सभ क्यौ
रसगुल्ला पेङा घुघनी सिंघारा खेबै यौ

दीदी वैंकी छोटू जे किछु लेता धरि हमरा
लाले ऊनक गोला चाही स्वेटर बुनबै यौ

जतराकेँ दिन राजीवक छी बड रुचिकर बाबू
आसिरवादी देता सभ क्यौ मंगल गेबै यौ

२२२२ २२२ २२२ २२२
®राजीव रंजन मिश्र

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