गजल-२४१
एक संगी चान लागल
टान मोनक आइ हमरा
फेर मारत जान लागल
बोल हुनकर बेश रुखगर
आगि आ तूफान लागल
नीक नै होली दिवाली
ईद आ रमजान लागल
लोक वेदक कर्म फुइसक
आचमनि आ ध्यान लागल
जीत थिक बा हारि ई से
नै सहज अनुमान लागल
की कहब राजीव ककरा
जिंदगी अनजान लागल
२१२२ २१२२
@ राजीव रंजन मिश्र
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