Monday, April 28, 2014

गजल -२२२ 

आइ हमर जेठ धिया सुश्री विष्णुप्रियाक जन्मदिनक शुभ अवसर पर हुनका लेल हमर आर्शीर्वाद आ उद्गारक किछु शब्द गजलक रूपमे प्रेषित अछि अपने बन्धु-बांधव,जेठ -श्रेष्ठ गुणीजनक समक्ष,आशिर्वचनक अकांक्षी रहब : 

जन्मदिनक शुभकामना दुलरी धियाकेँ
होइ सफल सभ चाह टा दुलरी धियाकेँ

चान तरेगण द्वारि पर हो ठाढ सदिखन
स्वच्छ रहनि नित भावना दुलरी धियाकेँ


जीत सदति हो बाटमे जिनगीक हुनकर
संग रहथि नित शारदा दुलरी धियाकेँ

भान रहनि निज धर्म करमक राति दिन आ
स्पष्ट हियक अवधारना दुलरी धियाकेँ

दूहि कुलक बस लाज ओ राजीव राखथि
यैह कहब माँ बाप टा दुलरी धियाकेँ


2112 2212 22122
@ राजीव रंजन मिश्र

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