Sunday, September 8, 2013


गजल-100
कनि देर भेल मुदा बिलमिये क' सही किछु फुरा गेल,जिनगीक बाटमे मार्गदर्शन केनिहार सभ गुरुजनक आभार जतबएत सादर नमन संग आजुक परिस्थितिक हिसाबे प्रेषित अछि हमर ई सएम गजल,अपने गुनीजनक नेह भरल दृष्टिक आकांक्षी  रहब!!!

नै गुरु रहल नै छात्र ओहन सन
औ जी कहब की बात जोरन सन

दिन राति बेसाहल परल कम धरि
कोना बचत ई लोक एहन सन

के आब नेमाहत ककर कोना
नै नेत आ नै मोन तेहन सन

ओ बात जे कहता निकक खातिर
छत्ता परत जनि गात घोरन सन

राजीव नै भेटल सगर घुरि फिरि
जे छात्र गुरुमे बात मेजन सन

2212 221 222
@ राजीव रंजन मिश्र 

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