Friday, August 23, 2013

गजल- ९८ 

मोन हरियर बसन सन बिहुँसि उठल 
काँच मोनक सपन सन रभसि उठल 

गीत नेहक सुनाओल कोन जे
हम भ' बेहाल चित नित तरसि उठल  

चान तारो त' संगे गवाह अछि 
बनि क' बदरी सघन हम बरसि उठल 

कोन टोना क' ई आँखि देल जे 
मोन नेहक गजल सन बहसि उठल 

भेल राजीव छल थाकि हारि चुप  
बोल मिठगर सुनल हिय हुलसि उठल  

२१२२ १२२ १२१२ 
@ राजीव रंजन मिश्र 

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