Tuesday, August 20, 2013


झूला भजन-२ 

कारी मधुप सन रसिया रे झुला झुलथि बिहारी
राधारमण मन बसिया हे झुला झुलथि बिहारी 

यमुनाक तट पर निधि बन मनोहर
निधि बनमे लागल छै गाछ कदम्बक
ताहिकँ ठाढिपर झुला लगाओल
झुलामे खोंसि खोंसि फुदना सजाओल
फुदना सजाओल गहिया रे,झुला झुलथि बिहारी
कारी मधुप सन.......................

झुला बनल अछि चानन काठक
डोरी सघनगर रेशम तागक
झुलामे झुलथि कृष्ण मुरारी
कृष्ण मुरारी संग राधा दुलारी
राधा दुलारी गल बहिँया रे,झुला झुलथि बिहारी
कारी मधुप  सन.......................

झुला झुलाबथि ललिता बिशाखा
कर गहि डोलाबथि चाँवर पताका
अष्टसखी मिलि मंगल गाबएथ
जोऱी जुगल केर रूप निहारएथ
बिहुँसि रहल सभ सखियाँ रे,झुला झुलथि बिहारी!
कारी मधुप सन...........................

सुर नर मुनि सभ मगन निहारल
वेद पुरानक बोल उचारल
ब्रम्हा जी नाचल नारद जी नाचल
घुमरि घुमरि बदरी छल मातल
मातल छल राजीव बहिया रे,झुला झुलथि बिहारी!
कारी मधुप सन...........................

@ राजीव रंजन मिश्र 

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