Friday, August 30, 2013

गजल - ९९ 

कखनो किछु बात बुझल करू मोनक
धरकन दिन राति बनल करू मोनक

ई जे सिसकल त' लता पता सुनलक
आहाँ फरियाद सुनल करू मोनक

छोहक मारल त' घड़ी घड़ी तड़पल
मरहम बनि घाव भरल करू मोनक

कहबो ककरो जँ करब त' के बूझत
संगे बस मीत रहल करू मोनक

गाबी राजीव सदति गजल नेहक
ततबा धरि चाह सुफल करू मोनक

2222 112 1222
@ राजीव रंजन मिश्र 

Tuesday, August 27, 2013

कृष्णाष्टमी बधैय्या भजन

कृष्णाष्टमी बधैय्या भजन 

मंगल गाबू सभ सखि मिलिकँ,माधब झुलि रहल पलना।
भरि भरि थारी कनक लुटाबू यशोदा माय जनल ललना।।
मंगल गाबू ......

मगन मुदित सभ घरबारी आ नाचि रहल छथि नर नारी।
रूप जेना बैकुण्ठ सजओल,चमकि रहल बड घर-अंगना!!

मंगल गाबू ......


नन्द बाबा लूटबैथि दुनू हाथे,रतन जवाहर,हीरा,पन्ना।
निहुँछि निहुँछि लालाकँ यशुदा,बाँटि रहल छथि कर-कंगना।।
मंगल गाबू ......

नारद,शारद,शिव चतुरादिक,गाबि रहल छथि मंगल स्तुति।
बिहुँसि रहल छथि विष्णुप्रिया स्वयम देखि मुदित अनुपम रचना।।
मंगल गाबू ........

"राजीव" गाबैथ खूब बधैय्या,खण रभसथि खण झमा खसैथ।
चाह ने कनिको हीरा मानिकक,पाबि गेला सभ मुँहबजना।।
मंगल गाबू ..........

@ राजीव रंजन मिश्र 

Friday, August 23, 2013

गजल- ९८ 

मोन हरियर बसन सन बिहुँसि उठल 
काँच मोनक सपन सन रभसि उठल 

गीत नेहक सुनाओल कोन जे
हम भ' बेहाल चित नित तरसि उठल  

चान तारो त' संगे गवाह अछि 
बनि क' बदरी सघन हम बरसि उठल 

कोन टोना क' ई आँखि देल जे 
मोन नेहक गजल सन बहसि उठल 

भेल राजीव छल थाकि हारि चुप  
बोल मिठगर सुनल हिय हुलसि उठल  

२१२२ १२२ १२१२ 
@ राजीव रंजन मिश्र 

Tuesday, August 20, 2013


झूला भजन-२ 

कारी मधुप सन रसिया रे झुला झुलथि बिहारी
राधारमण मन बसिया हे झुला झुलथि बिहारी 

यमुनाक तट पर निधि बन मनोहर
निधि बनमे लागल छै गाछ कदम्बक
ताहिकँ ठाढिपर झुला लगाओल
झुलामे खोंसि खोंसि फुदना सजाओल
फुदना सजाओल गहिया रे,झुला झुलथि बिहारी
कारी मधुप सन.......................

झुला बनल अछि चानन काठक
डोरी सघनगर रेशम तागक
झुलामे झुलथि कृष्ण मुरारी
कृष्ण मुरारी संग राधा दुलारी
राधा दुलारी गल बहिँया रे,झुला झुलथि बिहारी
कारी मधुप  सन.......................

झुला झुलाबथि ललिता बिशाखा
कर गहि डोलाबथि चाँवर पताका
अष्टसखी मिलि मंगल गाबएथ
जोऱी जुगल केर रूप निहारएथ
बिहुँसि रहल सभ सखियाँ रे,झुला झुलथि बिहारी!
कारी मधुप सन...........................

सुर नर मुनि सभ मगन निहारल
वेद पुरानक बोल उचारल
ब्रम्हा जी नाचल नारद जी नाचल
घुमरि घुमरि बदरी छल मातल
मातल छल राजीव बहिया रे,झुला झुलथि बिहारी!
कारी मधुप सन...........................

@ राजीव रंजन मिश्र 

Thursday, August 15, 2013


गजल- ९७ 

जन गनसँ चलल अछि खेल केहन ई
हिय हारि रहल दुख देल केहन ई 

देशक त' कहब की हाल यौ बाबू
सोनाकँ चिरै छल भेल केहन ई 

जकरेसँ लगौलक आस से तोड़ल
घर घरकँ जरेलक तेल केहन ई 

दुरभाग कही बा भोग छी करमक
नित ओलि सधा सभ गेल केहन ई

राजीव करेजक पीर के मेटत
रक्षकसँ पिचाँसक मेल केहन ई  

२२१ १२२ २१२२२ 
@ राजीव रंजन मिश्र  

Wednesday, August 14, 2013


स्वतंत्रता दिवस पर विशेष 
गजल :९६ 

थिक मान हियक आ शान तिरंगा
दिन राति सदति दिअमान तिरंगा 

छल धार बहल शोणितकँ नदी सन
भेटल ग' तखन ई चान तिरंगा 

छेड़ल त' कतहु क्यौ एक मुदा नित
सभतरिसँ उठल से तान तिरंगा 

बड वीरकँ प्राणक पाबि क' आहुति
पुरखाकँ गढ़ल अभियान तिरंगा 

राजीव सपत हम खाइ चलू सभ
दी जान मुदा नै प्राण तिरंगा

 
२२१ १२२ २११२२ 
@ राजीव रंजन मिश्र 

Monday, August 12, 2013

गजल -९५ 

सभटा अहाँ बुझएत छी हम की कहू 
अपनो अहाँ सहएत छी हम की कहू 

मोनक कहाँ ककरो जगत कहियो रहल 
फकरा बहुत सुनएत छी हम की कहू 

धुर खेल छी जिनगी त' अपना आपमे 
बचि बचि क' नित रहएत छी हम की कहू 

बस चारि खन सौहार्दक पैबाक' ला     
खसि उठि क' पुनि खसएत छी हम की कहू 

राजीव जगतक हाल किछु नै बुझि पड़ल 
बुझि सुझि क' कवि बनएत छी हम की कहू 

 २२१२ २२१२ २२१२ 

@ राजीव रंजन मिश्र 

Sunday, August 11, 2013


झूला भजन 


झूला झुलि रहल छथि गिरिधर लाल गोपाल
पियर पीताम्बर अभरन शोभित गल बैजंती माल
झुला झुलि रहल ……। 

संग विराजथि राधा रानी,झुला रहल सभ सखी सयानी
बिहुँसि बिहुँसि कृष्णा मुसकए छथि,राधा लाजे लाल
झुला झुलि रहल ……। 

चानन काठक सुन्नर पीढी आ रेशमकँ चमचम डोरी
रतन जड़ल बड सुभग मनोहर झुला बनल कमाल
झुला झुलि रहल ……। 

गाछ कदम्बक झूला लागल झूलि रहल राधा संग माधब
यमुना तट केर छटा अलौकिक,छेड़ल नब सुर ताल
झुला झुलि रहल ……।  

मयूर पपीहा मगन उताहुल लता पता रभसल निधिवनमे
शिव चतुरादिक मगन निहारल राजीव निरखि बेहाल
झुला झुलि रहल ……। 

@ राजीव रंजन मिश्र 

Wednesday, August 7, 2013

गजल-९४
  
जन गन ब्याकुल अछि देश कोषमे
टुक टुक ताकल धरि नित भरोसमे

काजे सभतरि बस नोंक झोंक आ
नोचब नाचब मुँह कान रोषमे

बच्चा बच्चा बेहाल भेल धरि
मानत त्रुटि नै क्यौ पाल पोसमे

अपने मोनक सभ राजपाल थिक
जोड़त मुक्ता के राजकोषमे

करनी धरनी भसिऐल चैँकि नै 
सभटा चाहब बस जोश जोशमे  

चढि पाइन तोड़ल आब बान्ह सभ
जागू आबहुँ चलि आउ होशमे

ताकब छोरू राजीव मोटरी
नै भेटत किछु गारल परोसमे

2222 221 212
@ राजीव रंजन मिश्र 

Sunday, August 4, 2013


गजल-९३ 
ओना हमरा सभक समय धरि त' कोनो दिन विशेष नै होएत छल ककरो नामे,तहन जँ किनको नामे कोनो दिन विशेष समर्पित कएल जाए त' कोनो बेजाए गप्प सेहो नै। अजुका दिन फेसबुक पर संगीक नामे समर्पित देखि किछु फुरा गेल आ प्रेषित अछि अपने लोकनिक सोझा हमर ई गजल जे हम पहिने सरल वार्णिक बहरमे कहने रही आ भाब कँ निश्चित रूपे वएह राखि अरबी बहरमे कहल दोबारासँ,स्नेहाकांक्षी रहब अपने सभ मित्रबंधु आ सुधिजनक : 

दैवक देल बड पइघ उपहार छैक सखा

मोनक लेल अनमोल रखवार छैक सखा

भागक जोरगर अहाँ सरकार बाउ तखन   
जीवनकेर सभ दुखक कर्णधार छैक सखा 

बड् दुर्गम बनल बुझब सम्बंध राखि चलब 
नै सभ हालमे जँ टेरनिहार छैक सखा 

मोनक कारि संग धएने जँ बाट रहब  
सभ दिनकेर बुझि रहब बटमार छैक सखा 

छुछ्छो आस राखए नित जे एकसरे
जानब जे संग रहितो दुर्गमार छैक सखा 

सभ होएत कैल धैलक हिसाब सखा 
राखल नेत सुध त' अपरम्पार छैक सखा 

सखाक पीर आप सन राजीव मानि रहब 
मोनक बात बुझि क' टा उद्धार छैक सखा 

२२२१ २१२ २२१ २११२ 

@ राजीव रंजन मिश्र 


गजल-९३ 
ओना हमरा सभक समय धरि त' कोनो दिन विशेष नै होएत छल ककरो नामे,तहन जँ किनको नामे कोनो दिन विशेष समर्पित कएल जाए त' कोनो बेजाए गप्प सेहो नै। अजुका दिन फेसबुक पर संगीक नामे समर्पित देखि किछु फुरा गेल आ प्रेषित अछि अपने लोकनिक सोझा हमर ई गजल :

हम बाट जोहब सिखलहुँ आभार अहाँकँ
दिन राति जागब सिखलहुँ आभार अहाँकँ


नै छल बुझल कोनो भी नेह केर त' बोल
मिठ बात बाजब सिखलहुँ आभार अहाँकँ


बेकल त' छी ओनाही जेना कि बताह
धरि मोन मारब सिखलहुँ आभार अहाँकँ


अहिँ टा त' बुझलहुँ मोनक ई हमर हुलास
मधु स्वप्न देखब सिखलहुँ आभार अहाँकँ


राजीव मारल छल बड बेदर्द जगतकँ
संगतिसँ हरषब सिखलहुँ आभार अहाँकँ


221 2222 221 121

@ राजीव रंजन मिश्र 


Friday, August 2, 2013

गजल-९२ 

नोर हमर सुखा गेल
मोन त' छटपटा गेल 


गहिक' चलल जकर संग
हाथ झटकि परा गेल 


बात सजल धजल धरि
काज मुदा घिना गेल 


हद क' रहल वचन बानि
नेत सभक बुझा गेल 


मोन परल त' राजीव
सुन्न नयन मुना गेल 

  
२११२ १२२१

@ राजीव रंजन मिश्र