Thursday, July 18, 2013

गजल-९१  

चान सनक चमकैत ई गोर चेहरा
रूप सजल बिहुँसैत बेजोर चेहरा

ठोढ मधुर रसगर नयन जनि कटार सन
नेह भरल दमकैत पुरजोर चेहरा

मोन हमर कारी घटाटोप राति छल
बनि क' दिया कैलक त' ईजोर चेहरा

नै त' सुनल नै हम कहीँ देख पैल यौ
मोहि रहल हिय केर सभ पोर चेहरा

भासि रहल राजीव नेहाल भेल चित
शोर करै रहि रहि क' निसि भोर चेहरा

2112 221 221 212
@ राजीव रंजन मिश्र 

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