Sunday, December 9, 2012


यूँ इस कदर चाहत दिखाना बात कुछ अच्छी नहीं 
हरदम शोखियों से मुस्कुराना बात कुछ अच्छी नहीं 

माना कि उल्फत चीज़ है बेहद जरुरी ऐ जनाब 
मेहरबानी कुछ यूँ जताना बात कुछ अच्छी नहीं 

बेशक तमन्नाओं का होना लाजमी है जिन्दगी में 
गर ना मिले तो टूट जाना बात कुछ अच्छी नहीं 

हुस्न को देती नफासत है हया,जान रखें मोहतरमा
जलवा सरे महफ़िल दिखाना बात कुछ अच्छी नहीं

रिश्ता बड़ा ही पाक है "राजीव" हुस्न और इश्क का 
इनकी नुमाईश कर दिखाना बात कुछ अच्छी नहीं 

राजीव रंजन मिश्र 

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